र्ड्रोन करगा पेट्रोलिंग, बताएंगा ट्रांसफॉमरों व बिजली लाइन में कहा है फॉल्ट
र्ड्रोन करगा पेट्रोलिंग, बताएंगा ट्रांसफॉमरों व बिजली लाइन में कहा है फॉल
नई दिल्ली। बिजली नेटवर्क की पेट्रोलिंग अब ड्रोन से की जाएगा। इससे बिजली कंपनियों को ट्रांसफार्मर व बिजली लाइनों में आए फॉल्ट का पता शीघ्र चल जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि बिजली आपूर्ति ज्यादा देर तक प्रभावित नहीं होगी। बिजली नेटवर्क की निगरानी करने वाले ड्रोन अत्याधुनिक इंफ्रारेड, थर्मो स्कैनिंग तकनीक व हाई रेजोलूशन कैमरों से लैस है। यह ट्रांसफॉमरों, फीडर, ग्रिड स्टेशन, केबल में होने वाले छोटे-से-छोटे बदलावों पर भी आसमान से नजर रखेंगे। पहले चरण में पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज और विवेक विहार में ड्रोन को तैनात किया गया है। इसके अलावा पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार व बुडेला इलाकों में भी ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है।
रिलायंस बिजली कंपनी के अनुसार स्पेशल ड्रेन यह पता लगाने में सक्षम होंगे कि बिजली नेटवर्क का कौन सा उपकरण ज्यादा गर्म हो रहा है और किस उपकरण के रंग या आकार में बदलाव हो रहा है। इसका पता लगते ही ड्रोन संभावित फॉल्ट वाले उपकरण की फोटो लेगा और उसे बीएसईएस के कंट्रोल रूम में भेजेगा। इसके बाद बीएसईएस की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस टीम तुरंत कार्यवाही करते हुए उस फॉल्ट को दूर करेगी। कोई बड़ा फॉल्ट होने से पहले ही उस उपकरण को ठीक कर लिया जाएगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बिजली नेटवर्क की पेट्रोलिंग करने के अलावा ड्रोन बिजली की चोरी पकड़ने में भी मदद करेंगे। ड्रोन से पता लगेगा कि कहां बीएसईएस के तारों व पोल पर कटिया डालकर बिजली की चोरी की जा रही है। इसके साथ ही 950 वर्ग किलोमीटर में फैले बीएसईएस के बिजली नेटवर्क की मैपिंग करने में भी ड्रोन मदद करेगा। कई मोहल्लों में मकानों के नंबर एक क्रम में नहीं हैं जिससे फॉल्ट होने या आग लगने पर बीएसईएस टीम को पता ढूंढने व सही जगह पर पहुंचने में वक्त लगता है। ड्रोन की मदद से नेटवर्क की सटीक मैपिंग से टीम शीघ्र वहां पहुंच पाएगी।
रिलायंस बिजली कंपनी के अनुसार स्पेशल ड्रेन यह पता लगाने में सक्षम होंगे कि बिजली नेटवर्क का कौन सा उपकरण ज्यादा गर्म हो रहा है और किस उपकरण के रंग या आकार में बदलाव हो रहा है। इसका पता लगते ही ड्रोन संभावित फॉल्ट वाले उपकरण की फोटो लेगा और उसे बीएसईएस के कंट्रोल रूम में भेजेगा। इसके बाद बीएसईएस की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस टीम तुरंत कार्यवाही करते हुए उस फॉल्ट को दूर करेगी। कोई बड़ा फॉल्ट होने से पहले ही उस उपकरण को ठीक कर लिया जाएगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बिजली नेटवर्क की पेट्रोलिंग करने के अलावा ड्रोन बिजली की चोरी पकड़ने में भी मदद करेंगे। ड्रोन से पता लगेगा कि कहां बीएसईएस के तारों व पोल पर कटिया डालकर बिजली की चोरी की जा रही है। इसके साथ ही 950 वर्ग किलोमीटर में फैले बीएसईएस के बिजली नेटवर्क की मैपिंग करने में भी ड्रोन मदद करेगा। कई मोहल्लों में मकानों के नंबर एक क्रम में नहीं हैं जिससे फॉल्ट होने या आग लगने पर बीएसईएस टीम को पता ढूंढने व सही जगह पर पहुंचने में वक्त लगता है। ड्रोन की मदद से नेटवर्क की सटीक मैपिंग से टीम शीघ्र वहां पहुंच पाएगी।